सुबह तड़के, स्टेशन पर, रैंगति ट्रेन के सायरन ने, फिर मेरा सपना तोड़ दिया. ट्रेन की खिड़की के साथ भागती मेरी बहन ने पुछा " सब रख लिया न ? कुछ छूट तो नहीं गया ? मैंने कुछ जवाब नहीं दिया, पर अन्दर से किसी ने कहा " छूट तो गया, एक बार फिर से, घर ."
शायद
अक्सर उसकी हंसी से रोशनी हो जाती थी, अब अँधेरा सा रहता है.
मैंने जो नाम दिया था, बहुत पसंद था उसे.
उसके जाने के बाद एहसास हुआ, मैंने उसे कभी उस नाम से पुकारा नहीं.
क्या पता शायद लौट आती वो, क्या पता शायद नहीं जाती वो, क्या पता ?
आदत
तेज़ चलते हुए मैं अक्सर आगे निकल जाता था. मुझे सताने के लिए वह छिप जाती, और मैं पलट कर उसे ढूँढने लगता. फिर सामने आ कर वह मुझ पर खूब हंसती. मैं अब भी तेज़ चलता हूँ, पर पीछे पलट कर देखने की आदत छुट सी गयी है.
17 comments:
बहुत खूब बहुत सुन्दर, लिखते रहो! शुभकामनाएं!
-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३६६ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६
E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in
सुंदर लेखन! ब्लाग जगत में आप का स्वागत है। अधिक टिप्पणियाँ प्राप्त करने के लिए ये वर्ड वेरीफिकेशन हटाएँ।
बहुत सुंदर और प्रभावी लेखन - शुभकामनाएं
हाय ! आपने तो रुलाके रख दिया मान्यवर. ऐसा भी क्या.
इस प्रकार की रचना को लघुकथा कहूँ या..... भगवान जाने,
पर आपने चार-चार लाइनों में ही आपने भावनाओं का तूफ़ान ला दिया है.
वैसे तो आप ब्लॉग-जगत में लेखन कार्य बहुत लंबे समय से कर रहे हैं पर आज सबने आप पर ध्यान दिया है. :-)
हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.
मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.
यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.
शुभकामनाएं !
"हिन्दप्रभा" - ( आओ सीखें ब्लॉग बनाना, सजाना और ब्लॉग से कमाना )
प्रांजल
क्या बात है ! दिल ले लिया यार !
घर को लघुकथा कहें तो ज़्यादा क़रीबी मा'मला होगा , बहुत ख़ूबसूरत और अर्थपूर्ण है ।
… और , शायद और आदत बहुत प्यारी कविताएं हैं ।
बहुत बहुत पसंद आईं मुझे , बधाई !
मैं आपके ब्लॉग पर फिर आ'कर पिछली पोस्टें पढ़ना चाहूंगा …
बहरहाल ,
ब्लॉग संसार में आपका स्वागत है …
शस्वरं पर भी आपका हार्दिक स्वागत है , अवश्य आना …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
nice blog. u have bright future in blogging
अत्यं भावपूर्ण एवं सुंदर अभिव्यक्ति. आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.. चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है... हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
इंटरनेट के जरिए अतिरिक्त आमदनी के इच्छुक साथी यहां पधार सकते हैं - http://gharkibaaten.blogspot.com
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
ब्लागजगत पर आपका स्वागत है ।
किसी भी तरह की तकनीकिक जानकारी के लिये अंतरजाल ब्लाग के स्वामी अंकुर जी, हिन्दी टेक ब्लाग के मालिक नवीन जी और ई गुरू राजीव जी से संपर्क करें ।
ब्लाग जगत पर संस्कृत की कक्ष्या चल रही है ।
आप भी सादर आमंत्रित हैं,
http://sanskrit-jeevan.blogspot.com/ पर आकर हमारा मार्गदर्शन करें व अपने सुझाव दें, और अगर हमारा प्रयास पशंद आये तो हमारे फालोअर बनकर संस्कृत के प्रसार में अपना योगदान दें ।
धन्यवाद
घर , शायद और आदत तीनों ही बेहद उम्दा रचनाएँ.
अगर इन्हें ही आप लम्बवत रूप देते तो लोग इन्हें कविता के रूप में स्वीकार करते. हाँ ये कवितायें ही हैं और वो भी काफी दमदार.
आपके नये ब्लाग के साथ आपका स्वागत है। अन्य ब्लागों पर भी जाया करिए। मेरे ब्लाग "डिस्कवर लाईफ़" जिसमें हिन्दी और अंग्रेज़ी दौनों भाषाओं मे रच्नाएं पोस्ट करता हूँ… आपको आमत्रित करता हूँ। बताएँ कैसा लगा। धन्यवाद...
आप सब की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद्
इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
व्यर्थ की बातों में समय नष्ट न करो--कुछ गुणात्मक कार्य करो, यह सब लिखो तो सुन्दर कविता में व्यक्त करो.
kya baat hai!!
Both ghar and aadat are awesome! :) It takes a while to grasp the depth of your writing. Your writing is very endearing -- I think the beauty of your writing lies in its genuineness. What stands out about your writing its rawness. I liked that it is not polished nor sugar coated -- it is compatible with one's natural thinking style, which is why it appealed to me so much!
Good work! Keep it going! :)
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