बाज़ार में बेचीं जाती है
घर में जलाई जाती है
कोक में मारी जाती है
पर्दे में छुपाई जाती है
जूती के नीचे दबाई जाती है
पीछे चले तो कमज़ोर कहलाती है
आगे चले तो कठोर कहलाती है
बोलने लगे तो चुप कर दी जाती है
फिर भी बोले, तो मूजोर कहलाती है
सड़क पर घूरी जाती है
सरेआम लूट ली जाती है
लुट जाने की दोषी ठहराई जाती है
उड़ने लगे तो क़ैद की जाती है
आगे बड़ने पर टोक दी जाती है
मैली होने पर छोड़ दी जाती है
एक बार मैली हो जाए, तो बार-बार मैली की जाती है
और हाँ ...मंदिर में पूजी जाती है, देवी ।
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