Wednesday, March 27, 2013

देवी


बाज़ार में बेचीं जाती है 
घर में जलाई जाती है 
कोक में मारी जाती है 
पर्दे में छुपाई जाती है
जूती के नीचे दबाई जाती है 
पीछे चले तो कमज़ोर कहलाती है 
आगे चले तो कठोर कहलाती है
बोलने लगे तो चुप कर दी जाती है 
फिर भी बोले, तो मूजोर कहलाती है 
सड़क पर घूरी जाती है 
सरेआम लूट ली जाती है
लुट जाने की दोषी ठहराई जाती है  
उड़ने लगे तो क़ैद की जाती है 
आगे बड़ने पर टोक दी जाती है 
मैली होने पर छोड़ दी जाती है
एक बार मैली हो जाए, तो बार-बार मैली की जाती है
और हाँ ...मंदिर में पूजी जाती है, देवी

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